प्रियंका पांडेय, लखनऊ।
देहरादून की बहु-विषयक और विशेषज्ञता केंद्रित यूनिवर्सिटी ‘यूपीईएस’ (UPES) में ‘स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया’ (School of Modern Media) के डीन और ‘आईआईएमसी’ के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर के.जी. सुरेश के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। दरअसल, उन्हें केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा की ओर से स्थापित प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार के लिए चुना गया है। प्रोफेसर केजी सुरेश को हिंदी पत्रकारिता और जनसंचार में उत्कृष्ट योगदान के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत पांच लाख रुपए का नकद पुरस्कार, शॉल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
‘दूरदर्शन’ में सीनियर कंसल्टिंग एडिटर रह चुके प्रो. केजी सुरेश को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कैटेगरी में इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड के लिए चुना गया है, जबकि कोलकाता के पत्रकार डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र को प्रिंट कैटेगरी में चुना गया है। प्रो. केजी सुरेश को पूर्व में कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें ‘बिजनेस वर्ल्ड’ (Business World) की ओर से दिया जाने वाला विजिनरी लीडर इन मीडिया एजुकेशन अवॉर्ड, PRSI लीडरशिप अवॉर्ड और सांप्रदायकि सौहार्द के लिए दिया जाने वाला ख्वाजा गरीब नवाज अवॉर्ड शामिल है।
बता दें कि केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्चतर शिक्षा विभाग (भाषा प्रभाग) के अंतर्गत द्वितीय और विदेशी भाषा के रूप में हिंदी के शिक्षण-प्रशिक्षण, अनुसंधान और बहुआयामी विकास के लिए कार्यरत एक शैक्षिक संस्था है। इसका संचालन स्वायत्त संगठन केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल द्वारा किया जाता है। संस्था की ओर से हर साल हिंदी सेवी सम्मान योजना के तहत 12 पुरस्कार श्रेणियों में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 26 विद्वानों को सम्मानित किया जाता है। इसी के तहत इस साल हिंदी पत्रकारिता तथा जनसंचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए प्रो. केजी सुरेश और डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र का चयन गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार के लिए किया गया है।